प्रतापपुर। 02 मई।
प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में 30 हाथियों का समूह आ जाने से क्षेत्र में दहशत का माहौल है। इन हाथियों को करँजवार, सरहरी, घरहरि, खोरमा सीमावर्ती क्षेत्र के जंगलों में देखा गया है तथा हाथी पानी के लिए जंगल से नदियों की तरफ प्रस्थान किया है।
सूर्य की रोशनी एवं अत्यधिक गर्मी के कारण हाथियों को जंगल में पानी नहीं मिलने के कारण वह ग्रामीण क्षेत्र के नदियों की ओर अग्रसर हो चुके हैं और भारी तादाद में हाथी का जाता देखा गया है। जहां ग्रामीणों ने इसकी वीडियो भी बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर रहे हैं।
वही वन विभाग के कई दवा फेल होते दिखाई दे रहे हैं वन प्राणियों का देख-देख सिर्फ कागजों पर अधिकारियों के लिए चारागाह बना हुआ है। फिलहाल वन जीवो पर इसका बुरा असर पड़ रहा है जहां पानी के लिए दर-दर हाथी रिहायशी इलाकों की ओर आते हुए दिखाई दे रहे हैं।
भारी तादाद में हाथी होने के बाद दिन में तो यह अपने सुरक्षित स्थान पर होते हैं मगर रात होते ही ग्रामीण क्षेत्र के घरों को अपना निशाना बनाते हैं और किस तरफ से हाथी किस स्थान पर आक्रमण करेगा इसकी वास्तविक स्थिति का पता लगा पाने में वन विभाग भी असफल है। हर रोज शाम ढलते ही हाथी फिर से गांव की और आ जाते हैं।
सवाल यह खड़ा होता है कि जब वन विभाग दो-तीन हाथियों को काबू करने में असफल हो जाता है तो इतनी भारी संख्या में हाथियों के दल को किस तरह से वह भागने में कामयाब हो पाएगा। क्षेत्र के तमाम हाथी इस समय प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में विचरण कर रहे हैं जो हाथी एक स्थान पर एकत्रित हो गए हैं और दिन में ही जिन्हें देखा जा सकता है। रात होते ही यहां हाथी क्षेत्र के तमाम जंगलों से निकलकर गांव की ओर प्रस्थान कर कोहराम मचाते नजर आते हैं। जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लोग हमेशा सहमे रहते हैं और डर के साए में अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
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