अम्बिकापुर। 26 फरवरी। मैनपाठ क्षेत्र में काफी समय से भू-माफिया सक्रिय हैं इनमें ज्यादातर वहीं के लोग हैं जो प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर अब तक हजारों एकड़ शासकीय भूमि का फर्जी पट्टा बनवाकर उसे डकार चुके हैं चूंकि इन भूमाफियों को राजनैतिक नेताओं का समर्थन हासिल है इस कारण क्षेत्र में पदस्थ प्रशासकीय अधिकारी भी इनके सामने दुम हिलाते रहते हैं जिस कारण शासकीय भूमि की लूट यहां बदस्तूर जारी है।
दो-तीन वर्ष पूर्व अनेक शिकायतों के बाद जिला प्रशासन ने क्षेत्र में बनाये गये फर्जी पट्टे की जांच शुरू की थी मगर राजनैतिक दबाव के कारण कुछ दिन बाद ही यह मामला ठंडा पड़ गया। अभी इसी माह जब मैनपाठ में इनकम टैक्स का छापा पड़ा तो लगा कि शायद फर्जी पट्टा का मामला फिर खुलेगा मगर कहीं इस मामले की चर्चा भी नहीं हुई। शासकीय जमीन हड़पने वाले ये भू-माफिया कितने शातिर हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दोनों प्रमुख दलों के नेताओं से इनकी घनिष्टता है या फिर इनके परिवार के लोग दोनों दलों में शामिल हैं तथा मिल बांटकर शासकीय जमीनों को हजम कर रहे हैं। यहां पदस्थ तहसीलदार के यहां जमीन के मामलों का ढेर लगा हुआ है मगर न जाने क्यों और किस कारण यह ढेर कम होता ही नहीं है और अब यहां के एक जाति के लोग कुछ लोगों की पट्टे की जमीनों पर भी कब्जा कर लिये हैं तथा अपनी जमीनों को कब्जा मुक्त कराने के लिये वे लोग तहसील से लेकर कलेक्ट्रेट तक का चक्कर लगा रहे हैं मगर कहीं भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। मैनपाठ क्षेत्र की प्रशासकीय व्यवस्था पूरी तरह से सड़ चुकी है जरूरत है यहां गंभीर सर्जरी की जो प्रशासनिक अंधेरगर्दी को दूर कर सके मगर फिलहाल तो ऐसा संभव यहां नहीं दिख रहा है।
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