राजनांदगांव। राजनांदगांव लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। अब तक हुए 17 में से 10 बार कांग्रेस की जीत मिली है। भाजपा का छह बार कब्जा हुआ है, लेकिन बीते तीन चुनाव में वह लगातार जीत के साथ वह हैट्रिक मार चुकी है। ऐसे में कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मैदान में उतारकर भाजपा के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।
कांग्रेस ने अपने इसी खोए हुए गढ़ को वापस पाने बड़ा दांव खेला है। वर्तमान में लोकसभा क्षेत्र की आठ में से पांच विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के विधायक हैं। ऐसे में भाजपा को अपना विजय अभियान जारी रखने कड़ी मेहनत करनी होगी। हालांकि गत लोकसभा चुनाव (2019) में क्षेत्र की आठ में से सात सीट पर कांग्रेस के विधायक थे। तब कांग्रेस को लगभग 1.12 लाख मतों से हार का सामना करना पड़ा था।
इस सीट पर कांग्रेस की अंतिम जीत वर्ष 2007 के उपचुनाव में हुई थी। तब देवव्रत सिंह ने भाजपा के लीलाराम भोजवानी को पराजित किया था। उसके बाद के तीन चुनाव भाजपा लगातार जीत रही है। पहले संसदीय चुनाव में वर्ष 1957 से 1971 तक कांग्रेस की लगातार चार जीत हुई। उसके विजय रथ को जनता पार्टी के मदन तिवारी ने 1977 के इंदिरा विरोधी लहर में रोका था। हालांकि उसके बाद 1980 व 1984 में शिवेंद्र बहादूर ने जीत दर्ज कर यह सीट वापस कांग्रेस की झोली में डाल दी थी
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